धर्म

रव‍िवार के द‍िन पीपल की पूजा वर्जित, पीपल की पूजा के लिए शनिवार का दिन उत्तम…

पीपल के वृक्ष की पूजा करते समय इन नियमों का करें पालन...

पीपल को कलियुग का कल्पवृक्ष माना जाता है पीपल एकमात्र पवित्र देववृक्ष है, जिसमें सभी देवताओं के साथ ही पितरों का भी वास रहता हैपीपल के पेड़ में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी तथा अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैंपीपल के वृक्ष को कभी काटना नहीं चाहिए ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलते हैं तथा वंशवृद्धि की हानि होती है

रव‍िवार के द‍िन पीपल की पूजा वर्जित

पीपल की पूजा से जुड़े कुछ खास नियम हैं। रविवार के दिन पीपल की पूजा करना अशुभ माना जाता है। रविवार के दिन इसकी पूजा करने से आर्थिक स्थिति खराब होने के साथ-साथ शारीरिक कष्टों का भी सामना करना पड़ता है। रविवार को पीपल पर दरिद्रा व उसके पति का आधिपत्य होता हैरव‍िवार के द‍िन सभी देवी-देवता पीपल के पेड़ से चले जाते हैं, और इसल‍िए रव‍िवार के द‍िन पीपल की पूजा वर्जित हैकहते हैं क‍ि अगर कोई भी व्‍यक्ति रव‍िवार के द‍िन पीपल की पूजा कर ले तो उसके जीवन में दरिद्रता आ जाती हैइसके चलते उसे कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है

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शनिवार के दिन पीपल की पूजा

  • माना जाता है शनिवार के दिन पीपल के सामने दीपक जलाकर शनि दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। पीपल की पूजा के लिए शनिवार का दिन उत्तम होता है।
  • शनिवार के दिन दोनों हाथों से पीपल का स्पर्श कर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करने से ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है वह पीपल का पेड़ लगाता है तो उसे राहत मिलती है।
  • शनिवार के दिन सुबह पीपल को जल चढ़ाने और शाम को सरसों के तेल का दीपक लगाएं कहते हैं इससे शनि की महादशी से मुक्ति मिलती हैपीपल की पूजा भूलकर भी सूर्योदय से पहले न करें ऐसा करने पर घर में दरिद्रता का वास होता है

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सूर्योदय के बाद ही पीपल की पूजा करें

किसी प्रयोजन से विधिवत नियमानुसार पूजन करने तथा यज्ञादि पवित्र कार्यों के लक्ष्य से पीपल की लकड़ी काटने पर दोष नहीं लगताअक्सर लोग ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर जाते हैं, जो शुभ कर्म है लेकिन मंदिर जाकर पीपल के पेड़ पर जल न चढ़ाएं क्योंकि उस समय पर अलक्ष्मी वहां वास कर रही होती हैंसूर्योदय के बाद ही पीपल पूजन करें, जिससे महालक्ष्मी प्रसन्न होकर सदा आपके पास रहें

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पीपल के वृक्ष की पूजा करते समय इन नियमों का करें पालन

  • अगर आप नियमानुसार पीपल के पेड़ की पूजा-अर्चना करते हैं तो ऐसे में सुबह 7 बजे से 10 बजे तक का समय शुभ माना जाता है। वहीं अगर आप शाम को पीपल के वृक्ष की पूजा करते हैं तो 5 से 7 बजे का समय शुभ माना जाता है। 
  • वहीं पीपल के पेड़ में चल चढ़ाने के भी कुछ नियम है। शास्त्रो के मुताबिक रविवार के दिन पीपल के पेड़ में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन वृक्ष पर जल चढ़ाने से जीवन में दरिद्रता आती है।
  • कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष में त्रिदेव यानी  भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु का वास होता है। इसलिए इसे सभी पौधों से पवित्र माना जाता है। अगर आप पीपल के वृक्ष में नियम पूर्वक सही समय और शुभ दिन के अनुसार जल चढ़ाती हैं और दीपक जलाती हैं तो आपको त्रिदेव की विशेष कृपा मिलती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 

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रविवार को ही काटा जा सकता पीपल वृक्ष

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पीपल विष्णु का स्थान है इसलिए पीपल के वृक्ष को काटने से लोग डरते हैं, लेक‍िन कभी पीपल वृक्ष को काटना बहुत जरूरी हो तो उसे रविवार को ही काटा जा सकता है इसके अलाव क‍िसी और द‍िन इसे काटना न‍िषेध है


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