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Book Jihad : एक दिन की साजिश नहीं लगती किताबी जिहाद

इंदौर – इंदौर के नवीन लॉ कालेज में किताबी जिहाद Book Jihad  को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है अब एक और किताब Book Jihad  सामने आने के बाद विवाद गहराता जा रहा है   

इंदौर लॉ कालेज के प्रोफेसर द्वारा लिखी गई किताब Book Jihad  सामने आने के बाद प्रदेश भर में आक्रोश का माहौल है.

गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के इस विवाद में अभी तक लगातार 6 घंटों में 250 स्टूडेंट  और 17 शिक्षकों के बयान दर्ज किए गए हैं वहीँ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के  छात्र नेताओं ने जिहादी साहित्य कही जा रही किताब Book Jihad पेश किए हैं.

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क्या है Book Jihad मामला

दरअसल नवीन लॉ कालेज में पिछले गुरूवार को महाविद्यालय के प्रोफेसरों द्वारा छात्राओं को बरगलाकर कॉलेज के बाहर मिलने के लिए दबाव बनाने और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के  छात्र नेताओं ने जिहादी साहित्य कही जा रही किताब Book Jihad का प्रकाशन कर भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था.

Book Jihad पर सरकार सख्त

Book Jihad किताबी जिहाद का मामला सामने आने के बाद जहाँ छात्रों ने कड़ा रूख इख्तियार किया वहीँ Book Jihad पर प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जांच के आदेश दे दिए वहीँ इस मामले के कालेक के एक प्रोफ़ेसर के खिलाफ छात्रों ने भंवर कुआ थाने में मामला भी दर्ज करवाया है.

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Book Jihad  प्रिंसिपल का इस्तीफा, 5 शिक्षक भी सस्पेंड,

इस मामले में शुक्रवार के दिन दुसरा भूचाल आया जब डॉक्टर फरहत खान द्वारा लिखी गई किताब Book Jihad (जिसे जिहादी किताब कहा जा रहा है) ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’  के कुछ कंटेंट पर आपत्ति जताते हुए प्रदर्शन किया गया. इस किताब में कथित रूप से जिस तरह हिंदू समुदाय के विरुद्ध विचार व्यक्त किए गएं हैं, उससे पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति भी गरमा गई. विरोध के चलते लॉ कॉलेज के प्राचार्य रहमान ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि पांच शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया.

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Book Jihad : प्राचार्य का इस्तीफ़ा,बयान पर विवाद  

इस Book Jihad किताबी जिहाद मामले में नवीन लॉ कालेज के प्राचार्य इमानूल रहमान ने विद्यार्थी परिषद् के उग्र प्रदर्शन से तंग आकर शुक्रवार को अपना इस्तीफा दे दिया और अपना लेटर जारी कर कहा कि जातिगत वैमनस्यता के चलते मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है साथ ही कहा कि यह Book Jihad किताबें मेरे कार्यकाल में नहीं खरीदी गई है.वहीँ मेरा इस्तीफ़ा भी दबाव बनाकर लिया गया है.

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Book Jihad विद्यार्थी परिषद का आरोप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं का किताबी जिहाद Book Jihad के मामले में कहना है कि कथित किताब के लेखक प्रो. डॉ फरहत खान द्वारा लिखी गई किताब ‘सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति’  के माध्यम से छात्रों को गलत शिक्षा देने पर मजबूर किया जा रहा है तथा हिन्दू संस्कृति और संघ के बारे में गलत अवधारणा फैलाई जा रही है.

जांच करते हुए कमिटी

Book Jihad ये है विवादित कंटेंट

किताब Book Jihad में दिए कंटेंट पर ध्यान दिया जाए तो पता चलता है कि लेखक प्रो. डॉ फरहत खान ने अपनी मानसिकता विद्यार्थियों पर थोपने का पूरा प्रयास किया. Book Jihad  में लिखा है कि पंजाब में भी हिंदुओं को टारगेट किया गया किताब के अनुसार ‘हिंदुओं ने हर संप्रदाय से लड़ाई का मोर्चा खोल रखा है. शिवसेना को टार्गेट करते हुए लिखा गया कि “पंजाब में सिखों के खिलाफ शिवसेना जैसे त्रिशूलधारी संगठन मोर्चा खोल चुके हैं”.

दूसरी किताब सामने आने के बाद बढ़ा विवाद

लेखक प्रो. डॉ फरहत खान ने लिखा है कि – “शिवसेना हिंदू राष्ट्र का नारा दे रही है. जब धार्मिक स्थलों की 1947 की स्थिति कायम रखी जानी थी, तो अयोध्या मंदिर इस कानून की सीमा से बाहर कैसे किया गया?”.

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RSS ने भाजपा को कांग्रेस का विरोध करने से रोका तो कांग्रेस को भी आदेश दिया कि अयोध्या का विवाद कानून से ऊपर रखें ताकि भाजपा अपनी सांप्रदायिक राजनीति करती रहे. हिंदुत्व का नारा बराबर ताजा बना रहे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके परिवार की संस्थाएं सब सांप्रदायिक हैं. यह हिंदूवाद की बात करती है और हिंदू धर्म को संविधान और देश के ऊपर मानती है. उनकी राष्ट्र की परिभाषा ने भारत को एक हिंदू राष्ट्र और वर्तमान संविधान तक को वे विदेशी मानते हैं, जैसे विवादित अंश लिखे हुए हैं.

Book Jihad अब आगे क्या?

फिलहाल इस मामले में जांच कमिटी अभी भी जांच कर रही है वहीँ बयानों का सिलसिला अभी भी जारी है और लॉ कॉलेज के प्राचार्य, उपप्राचार्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है, और अबसभी पर गिरफ्तारी की तलवार  लटक रही है वहीँ इस मामले में फरार आरोपियों पर इनाम घोषित करने कि तैयारी की जा रही है.

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