HARTALIKA TEEJ हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त
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हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। हरतालिका तीज (HARTALIKA TEEJ) में हरण शब्द का अर्थ है हरना या हरण करना होता है और तालिका का संबंध सखी से है।
भाद्रपद माह में पावन त्यौहारों की कड़ी में अगला त्यौहार हरतालिका तीज मनाया जाएगा। हरतालिका तीज (HARTALILA TEEJ) हरण और तालिका, इन दो शब्दों के मेल से बना है। NEESMERCHANTS पर जानते हैं क्या है इन शब्दों का अर्थ और इससे जुड़ी हुई कहानी
हरतालिका तीज की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती जी की सखियों ने उनके पिता पर्वत राज हिमालय के घर से उनका हरण कर उन्हें जंगल ले गई थीं और वहाँ पर उन्होंने माता पार्वती को एक गुफा में छिपा दिया था, ताकि वह भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने का संकल्प पूजा कर पाएं।
तभी से यह मान्यता चली आ रही है कि इस हरतालिका तीज (HARTALIKA TEEJ) व्रत को करने से अविवाहित महिलाओं को मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है और सुहागिन महिलाओं को सदा सौभाग्यवती होने का आशीष प्राप्त होता है। इन कारणों से इस व्रत को महिलाओं के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
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शुभ मुहूर्त:
- हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा।
- तृतीया तिथि का प्रारंभ : 29 अगस्त को दोपहर में 3 बजकर 20 मिनट पर होगा
- तृतीया तिथि का समापन : 30 अगस्त को दोपहर में 3 बजकर 33 मिनट पर होगा।
- प्रातःकाल में हरतालिका पूजन का मुहूर्त : 5 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक
महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान
इस दिन 16 श्रृंगार करना काफी महत्वपूर्ण होता है, इसलिए व्रत रखने वाली सभी महिलाएं सोलह श्रृंगार अवश्य करें। व्रत से एक दिन पहले भी महिलाएं सात्विक भोजन ग्रहण करें और व्रत वाले दिन भूल से भी अन्न एवं जल ना ग्रहण करें।
इसके अलावा इस व्रत के दौरान बिल्कुल ना सोएं, रात्रि में भी महिलाओं को कीर्तन-भजन करना चाहिए और सोना नहीं चाहिए। व्रत के दौरान मजिलाओं को गुस्सा नहीं करना चाहिए और किसी से भी कटु शब्द नहीं कहने चाहिए।
ऐसा करने से उपासक को व्रत का फल नहीं मिलता। इसके अलावा इस व्रत को एक बार शुरू करने के बाद हर वर्ष विधि-विधान से करना होता है, व्रत को बिना उद्यापन के बीच में बंद बिल्कुल ना करें।
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