![आज निकली महाकाल बाबा की चौथी सवारी, सवारी में उमड़े लाखों श्रद्धालु](https://newsmerchants.com/wp-content/uploads/2023/07/Untitled-design-2023-07-31T225117.890-780x470.jpg)
सावन के चौथे सोमवार को उज्जैन में भगवान महाकाल की भव्य सवारी निकली। चांदी की पालकी में सवार बाबा महाकाल ने उमा महेश के स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए।
शाम करीब 4 बजे महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी शुरू हुई। यहां कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद जी ने सवारी की पूजा-अर्चना की। बाबा की प्रतिमा को पंडे-पुजारियों ने पालकी में विराजित किया और जय महाकाल के उद्घोष के कहारों ने पालकी उठाई। सशस्त्र सुरक्षाबलों ने बंदूकों से बाबा महाकाल को सलामी दी।
इसके बाद राजाधिराज महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकले। सवारी में आगे ध्वज, तोपची, घुड़सवार दल, पुलिस का बैंड और मार्च पास्ट करती पुलिस जवानों की टुकड़ी पैदल निकली। बीच में भगवान महाकाल की चांदी की पालकी थी। इसके पीछे गुरुड़ व नंदी के रथ व आखिरी में हाथी निकला।
कड़ी सुरक्षा के बीच निकली सवारी
सवारी में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी सचिन शर्मा घोड़े पर सवार होकर निकले। उनके साथ नगर निगम आयुक्त रोशन सिंह भी थे। महाकाल मंदिर से लेकर शिप्रा के रामघाट सहित पूरे सवारी मार्ग पर कई प्रमुख स्थानों पर ड्रोन से भी नजर रखी गई। वही सवारी मार्ग में 1000 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात किए गए थे। सवारी के दौरान इस बार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। एक हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। जो पूरे मार्ग में सवारी के साथ चले। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) भी तैनात की गई। एसपी सचिन शर्मा, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और नगर निगम कमिश्नर रोशन सिंह तीनों घोड़े पर बैठकर सवारी के आगे चले।
सवारी में लाखों श्रद्धालु शामिल हुए
बाबा महाकाल की सवारी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जगह-जगह बाबा महाकाल का पूजन-अर्चन किया गया। सवारी के स्वागत के लिए जगह-जगह रंगोली बनाई गई। शाम करीब 5:45 बजे सवारी शिप्रा नदी के घाट पर पहुंची। यहां बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया। इसके बाद सवारी गोपाल मंदिर पर पहुंची। यहां हरि-हर मिलन के बाद सवारी वापस महाकाल मंदिर के लिए रवाना हो गई। करीब 8 बजे सवारी महाकाल मंदिर पहुंची। यहां भगवान महाकाल का पूजन किया गया।
गोपाल मंदिर पर हुआ हरि-हर मिलन
बाबा महाकाल की सवारी जैसे ही गोपाल मंदिर पहुंची। पूरा माहौल हरि और हर के नारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। मंदिर पर आकर्षक लाइटिंग की गई थी।
इन मार्गों से गुजरी सवारी
इसके साथ ही, भगवान के पिछले स्वरूप चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश स्वरूप, गरुड़ पर सवार भगवान शिव तांडव की प्रतिमा भी शामिल रहीं। सवारी से पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित सभा मंडप में भगवान का पूजन-अर्चन किया गया। सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक कर पूजन किया गया। पूजन के बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर पहुंची।
चौथी सवारी में केवल 9 अधिकृत भजन मंडली को ही शामिल होने की अनुमति दी
सवारी में पुलिस प्रशासन ने इस बार अनााधिकृत रूप से शामिल होने वाली भजन मंडलियों व डीजे वालों को बाहर किया। ये लोग जबरन सवारी में घुसकर हर बार व्यवस्था बिगाड़ देते हैं। रविवार को ही प्रशासन ने इस पर बैठक कर निर्णय लिया था। इसके तहत यह कार्रवाई की गई। चौथी सवारी में केवल 9 अधिकृत भजन मंडली को ही शामिल होने की अनुमति दी गई।
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