चक्रवात बिपारजॉय: संभावित दस्तक से पहले NDRF ने राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को किया तैनात
गुजरात के तटीय इलाकों के लिए रेड अलर्ट हुआ जारी...
![चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के तट पर पहुंचा](https://newsmerchants.com/wp-content/uploads/2023/06/Untitled-design-66-780x470.jpg)
अरब सागर में उठे तूफान बिपरजॉय तूफान की चेतावनी के बीच गुजरात के कच्छ में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 रही। रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के झटके शाम करीब 5 बजकर 5 मिनट पर महसूस किये गए हैं। हालांकि जान माल के किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
150 किमी की रफ्तार से हवाएं
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय तूफान लगभग 150 किमी की रफ्तार से 15 जून की शाम सौराष्ट्र एवं कच्छ के तटीय क्षेत्र से टकराएगा। इससे पहले इसका असर दिखना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र और गुजरात में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं।
मौसम विभाग के अनुसार इसके प्रभाव से 14 से 16 जून तक भारी वर्षा हो सकती है। खबरों के अनुसार द्वारका, जामनगर, भुज में तेज हवाओं के साथ बारिश, पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं।
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74 हजार लोगों अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित
चक्रवात के तट से टकराने से पहले ही गुजरात के तटीय इलाकों में तेज हवा के साथ भारी वर्षा हो रही है। अधिकारियों के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों से अब तक लगभग 74 हजार लोगों अस्थायी आश्रय शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। चक्रवात का गुजरात के सात जिलों में सबसे ज्यादा असर होने की आशंका है।
NDRF ने राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को तैनात
गुजरात के कच्छ जिले में जखौ बंदरगाह के पास चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के संभावित दस्तक से पहले NDRF ने राहत एवं बचाव अभियान चलाने के लिए कुल 33 टीमों को जिम्मा सौंपा गया है। NDRF की 18 टीमों को गुजरात में रखा गया है और एक को दीव में तैनात किया गया है। दीव उत्तर में गुजरात के गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों से और तीन ओर से अरब सागर से घिरा हुआ है। अधिकारियों ने गुजरात में NDRF की तैनाती की जानकारी देते हुए बताया कि चार टीमों को कच्छ में, राजकोट और देवभूमि द्वारका में तीन-तीन, जामनगर में दो, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी, वलसाड और गांधीनगर में एक-एक टीम तैनात की गई है।
कच्छ जिला अत्यंत उच्च जोखिम भूकंपीय क्षेत्र में स्थित
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के गुरुवार शाम तक सौराष्ट्र, कच्छ और आसपास के पाकिस्तानी तटों से गुजरने तथा कच्छ में जखौ बंदरगाह से टकराने की संभावना है।
कच्छ जिला अत्यंत उच्च जोखिम भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है, और वहां कम तीव्रता के भूकंप नियमित रूप से आते रहते हैं। वर्ष 2001 का भूकंप पिछली दो शताब्दियों में भारत में तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था। इससे कच्छ जिले में बड़ी संख्या में कस्बों और गांवों को व्यापक क्षति हुई थी, हजारों लोग मारे गए थे और 1.67 लाख लोग घायल हुए थे।
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तटीय क्षेत्र में जारी की गई चेतावनी
18 जून से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में चक्रवाती हवा का असर दिखने लग जाएगा। रेलवे ने तटीय इलाकों में चलने वाली सारी ट्रेनें दो दिन पहले से ही निरस्त कर दी हैं। खेतों में खड़ी फसलों, पेड़ों और बागों को क्षति पहुंच सकती है। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के मुताबिक, बिपरजॉय गुरुवार रात जखाऊ पोर्ट के पास तट से टकराएगा।
अभी समुद्र में इसकी गति 160-170 किमी प्रतिघंटा है। पहले यह उत्तर की ओर बढ़ रहा था, लेकिन दोपहर बाद पूर्व की ओर मुड़ गया। हवा की गति थोड़ी धीमी होने लगी है, लेकिन 15 जून को तट से टकराने के दौरान गति 125 से 135 किमी प्रतिघंटे रह सकती है। तटीय क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की चेतावनी जारी कर दी गई है।
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