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ट्रैन से अकेली महिला बिना टिकिट यात्रा कर रही है तो महिला को ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता

सफर करने से पहले जान लें रेलवे के यात्री फ्रेंडली नियम

भारतीय रेलवे नियम के अनुसार ट्रेन में यदि अकेली महिला रात में सफर कर रही है और उसके पास टिकट नहीं है, तो उसे ट्रेन से उतारा नहीं जा सकता है। रेल नियम के अनुसार, अगर किसी महिला को टिकट न होने के कारण अगर ट्रेन से उतार दिया जाता है, तो वह रेलवे अथॉरिटी से संबंधित टीटी के खिलाफ इसकी शिकायत दर्ज करा सकती है। इस तरह के मामले में संबंधित TTE पर कार्रवाई भी हो सकती है।

देश में हर रोज करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। भारतीय रेलवे अपनी सर्विस को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास करता है और ऐसे में कोच की बेहतर डिजाइन से लेकर ट्रेन की रफ्तार, प्लेटफॉर्म तथा ट्रेन कोच की सफाई पर ध्यान दिया है। सफर के दौरान रेलवे अपने पैसेंजर्स को कई सारी सुविधाएं देता है। इसके अलावा रेलवे ने कई पैसेंजर फ्रेंडली नियम भी बनाए हैं, जो सफर के दौरान आपको परेशानी से बचा सकते हैं, जैसे रेलवे के नियम के मुताबिक, टिकट लिए बिना अकेले यात्रा कर रही महिला को ट्रेन से नहीं उतरा जा सकता।

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क्या है भारतीय रेलवे नियम 

भारतीय रेलवे नियम के अनुसार सफर के दौरान रात में अकेली बेटिकट महिला या बच्चे को ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता।  कभी-कभी देखा जाता है कि जल्दबाजी या अन्य किसी कारण से कोई महिला या कोई नाबालिक बच्चा बिना टिकट ट्रेन में सवार हो जाते हैं। ऐसे में उनकी परेशानियों में सहयोग करने के लिए रेलवे ने यात्री फ्रेंडली नियम बनाए हैं।

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भारतीय रेलवे नियम के मुताबिक अगर कोई अकेली महिला या अकेला बच्चा रात के समय ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहा है तो TTE उसे ट्रेन से नहीं उतार सकता। ऐसा करने पर संबंधित महिला रेलवे अथॉरिटी से संबंधित टीटी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है।

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टिकट चेक करने के लिए रात मे नहीं जगा सकता TTE

भारतीय रेलवे का यात्री फ्रेंडली एक अन्य नियम ये है कि टिकट जांच करने के लिए TTE रात मे सफर के दौरान यात्री को जगाकर, टिकट दिखाने की मांग नहीं कर सकते। रेल के नियम के अनुसार रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक यात्री आराम की नींद ले सकते हैं, लेकिन यह नियम उन यात्रियों के लिए लागू नहीं होता जो रात में ही ट्रेन में सवार हुए हैं।

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जाने और भी अधिकार महिलाओ के लिए 

निचली बर्थ के लिए भी महिलाओं को प्राथमिकता होती है। स्लीपर क्लास के प्रत्येक कोच को 6 से 7 लोअर बर्थ, third ac बोगी में 4  से 5 लोअर बर्थ और second ac में 3 से 4 लोअर बर्थ दिए जाते हैं। बर्थ बुजुर्गों, 45 से अधिक उम्र की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए आरक्षित है।

महिलाओं की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल नियमित रूप से महिला कर्मियों के साथ ट्रेनों का निरीक्षण करता है। सरकार रेलवे पुलिस और जिला पुलिस की भी मदद ले रही है। RPF के तत्वावधान में पूरे देश में मेरी सहेली कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को उस स्टेशन से सुरक्षा प्रदान की जाती है जहां से वे अपने गंतव्य तक पहुंचने तक ट्रेन में चढ़ती हैं।


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