Agnipath : ‘अग्निपथ योजना’ ने मचाया देशभर में बवाल
नई दिल्ली | | केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर पुरे मध्य प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। राज्य के विभिन्न शहरों में हजारों छात्रों ने अग्निपथ के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में भर्ती करने की योजनाओं का विरोध किया। एमपी के लगभग हर जिले में सरकार की नीति के खिलाफ युवा प्रदर्शन कर रहे हैं।
ग्वालियर, इंदौर, भोपाल आदि तमाम जिलों में युवा रेलवे ट्रैक पर उतरकर प्रदर्शन करते देखे गए इस दौरान ट्रेनों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया जिसे प्रशासनिक अमला रोकने में सफल रहा | आज सुबह से ही मध्यप्रदेश के ज्यादातर जिलों में प्रदर्शन देखा गया । ग्वालियर में गोला के मंदिर इलाके में युवाओं ने जमकर बवाल काटा वहीँ दूसरी और रेल मार्ग को जाम करने के भी प्रयास किए गए इतना ही घटना की सूचना पर पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा और हल्का बल प्रयोग करते हुए युवाओं को तितर बितर किया इस दौरान युवाओं ने सड़कों पर टायर में आग लगाकर ट्रेफिक रोकने का पूरा प्रयास किया |
गौरतलब है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अग्निवीरों के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन यानी बुधवार से पुरे देश भर में प्रदर्शन शुरू हो गया और बिहार के छात्रों ने ट्रेन में आग भी लगा दी बिहार के बक्सर से लेकर मुंगेर तक और सहरसा से लेकर नवादा तक में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे हैं. उग्र प्रदर्शनकारियों के निशाने पर भारतीय रेल है. कई जगहों पर यात्री ट्रेनों में आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं. छात्र एवं युवा रेलवे पटरियों और नेशनल हाइवे पर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. ट्रेन सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. वहीं, कुछ जिलों में नेशनल हाइवे पर भी प्रदर्शन किया गया है, जिसके चलते यातायात व्यवस्था चरमरा गई है.
वहीँ दूसरी और अग्निपथ की आग मध्यप्रदेश में भी फ़ैल गई है ग्वालियर में अग्निपथ योजना में सैनिकों की भर्ती के खिलाफ गोला का मंदिर इलाके के सैकड़ो की संख्या में छात्र और युवा सड़क पर उतर आए. उन्होंने गाड़ियों के टायर जलाकर सड़कों पर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ और अग्नि सैनिकों की भर्ती बंद करो के नारे लगाए. प्रदर्शनकारी छात्र सड़क जाम कर वहां बैठ गए. स्थिति बिगड़ते देख पुलिस और प्रशासन ने मौका सम्हाला और लाठीचार्ज करते हुए प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भगाया और ट्रेफिक क्लियर करवाया |
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है, जिसके तहत नौजवानों को सिर्फ चार साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। इस योजना से नाराज छात्रों का कहना है कि ये योजना उनके भविष्य को बर्बाद कर देगी
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि नेता हो या विधायक सभी को पांच साल का समय मिलता है, हमारा चार साल में क्या होगा। हमारे पास पेंशन की भी सुविधा नहीं है। चार साल बाद हम रोड पर आ जाएंगे। चार साल पूरे होने के बाद भले ही 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती कर लिया जाए।बाकी 75% का क्या होगा। ये कहां का न्याय है। वहीं, कुछ छात्रों का कहना है कि इस योजना से छात्र परेशान हैं और हमें जॉब की गारंटी नहीं मिल रही है। उनका ये भी कहना है कि सेना बहाली में टीओटी हटाया जाए।
बताया गया है कि अग्निपथ योजना के तहत, पुरुष और महिला (सेवा की जरूरत होने पर शामिल की जाएंगी) दोनों को अग्निवीर बनने का मौका दिया जाएगा। 17.5 साल से लेकर 21 साल तक के युवा इस सेवा में शामिल होने के लिए योग्य माने जाएं।वर्तमान में सेना के जो मेडिकल और फिजिकल स्टैंडर्ड हैं वही मान्य होंगे। 10वीं और 12वीं पास कर चुके युवा (सैन्य बलों की नियम और शर्तों के अनुसार) अग्निवीर बन सकते हैं। अग्निपथ योजना के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जाएगा। आखिरकार देश भर के कई राज्यों ने हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने अग्निपथ योजना ने परिवर्तन करते हुए योजना में उम्र सीमा ने दो साल कि बढ़ोतरी कर दी है
आखिर क्या है अग्निपथ और अग्निवीर योजना ?
भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे. अब रक्षा मंत्री ने साढ़े सत्रह साल से 21 साल के बीच के हजारों युवाओं को इस योजना में भर्ती होने और चार साल तक नौकरी करने के अलावा एकमुश्त साढ़े 11 लाख रुपये के पैकेज के साथ नौकरी से विदाई लेने का आश्वासन सामने रख दिया है। चार साल की नौकरी में युवा शुरूआती 30 हजार से लेकर अंतिम वर्ष में 40 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन पा सकेंगे। यही नहीं, इस अग्निपथ योजना के तहत चुने गए अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत युवा सेना में अग्निवीर के तौर पर नियमित नौकरी का मौका भी पा सकेंगे, जिसमें चयन के लिए थोड़े सख्त मानदंड होंगे और छह महीने की अतिरिक्त ट्रेनिंग दी जाएगी। सेना में हर साल होने वाली मौजूदा 65 हजार भर्तियों की संख्या इस योजना से तकरीबन दोगुनी अवश्य हो जाएगी।