Apple Alert : क्या नेताओं को आया Apple का अलर्ट? क्यों नेता लगा रहे है जासूसी के आरोप , जासूसी मामले पर केंद्र सरकार की क्या है प्रतिक्रिया
थरूर बोले- कुछ लोग मेरी जासूसी में बिजी हैं
क्यों नेता लगे हैं विनाशकारी राजनीति करने में
वैष्णव ने भोपाल में एक प्रेसवार्ता में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बाध्यकारी आलोचक “ध्यान भटकाने वाली राजनीति” में लिप्त हो रहे हैं, क्योंकि वे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि एप्पल की ओर से इस तरह का चेतावनी संदेश केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर के 150 देशों के लोगों को भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है हमने इस मुद्दे पर इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दिया है। साथियो जो देश की प्रगति पचा नहीं पा रहे हैं। वो देश को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कई मौकों पर ये नेता हैकिंग के आरोप लगा चुके हैं। कुछ साल पहले भी इन्होंने यही कोशिश की थी। तब न्यायालय की देखरेख में हमने पूरी जांच कराई थी। हालांकि, इसमें कुछ नहीं निकला था। यहां तक प्रियंका गांधी वाड्रा के आरोप कि ‘उनके दोनों बच्चों का फोन हैक है’, ऐसा भी कुछ नहीं था। ये सब झूठ आलोचकों द्वारा फैलाया गया था।
उन्होंने कहा, “कुछ सांसदों ने जो मुद्दा उठाया है कि उनके पास एप्पल से एक अलर्ट आया है। उसके बारे में मैं साफ करना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है, हम इस मुद्दे की तह तक जाएंगे। जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस देश में हमारे कुछ आलोचक हैं जिनकी आलोचना करने की आदत हो गई है। ये लोग देश की उन्नति को पचा नहीं सकते. एप्पल ने 150 देशों में ये सूचना जारी की है। एप्पल के पास कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अनुमान के आधार पर ये सूचना भेजी है।”
मेरा फोन ले जाओ मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता- राहुल गांधी
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के नेताओं के फोन की टेपिंग हो रही है और उनके कार्यालय में भी इसी तरह की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है ,लेकिन वह डरने वाले नहीं है और सरकार की नीतियों के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा ‘‘ये मैसेज मेरे ऑफिस के लोगों के साथ ही विपक्ष के कई नेताओं को आया है। हमारे पास इसकी पूरी लिस्ट है। सरकार अब विपक्ष के नेताओं की जासूसी कर रही है। आज ही एप्पल का नोटिफिकेशन आया है कि आप सरकार के निशाने पर हैं। सरकार हमारी जासूसी करा रही है। हमारे फोन टेप कराए जा रहे हैं लेकिन सरकार को समझ लेना चाहिए की इससे उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जितना टेपिंग करना चाहिए, जितना फोन रिकॉर्ड करना चाहिए करे, हम पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता और इससे हम पीछे हटने वाले भी नहीं हैं।
क्या है विपक्ष का आरोप?
मंगलवार को TMC नेता महुआ मोइत्रा, शिवसेना (UBT) नेता की प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा ने कहा है उन्हें अपने फोन निर्माता से चेतावनी का संदेश मिला है। इस संदेश में लिखा है कि, ‘स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स उनके फोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं।’ आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी का भी कहना था कि उन्हें भी ऐसी ही चेतावनी मिली है।
बीजेपी का जवाब
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पर लगाए जा रहे आरोप बिल्कुल बेबुनियाद और गलत हैं, इन नेताओं को एप्पल से सफाई मांगनी चाहिए कि यह किस तरह का मैसेज है और कंपनी के जवाब से असंतुष्ट होने पर एफआईआर करवानी चाहिए। प्रसाद ने कहा कि इन नेताओं को एफआईआर करने से कौन रोक रहा है ? यह क्या मैसेज है और क्यों भेजा गया है, इसके बारे में तो एप्पल कंपनी ही सफाई दे सकती है ?
उन्होंने कहा कि शशि थरूर तो स्वयं आईटी से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं, वह इस मामले में एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन क्यों नहीं मांगते हैं ? प्रसाद ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के समान बताते हुए कटाक्ष किया कि यह इस तरह का मामला लग रहा है जैसे राहुल गांधी ने देश भर में हल्ला मचाया था कि पेगासस से उनके फोन की जासूसी हो रही है लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपना फोन जांच कमेटी को जांच के लिए देने को कहा तो उन्होंने नहीं दिया।
जासूसी विवाद पर ऐपल का बयान
एप्पल ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है। कंपनी का कहना है कि संभव है कि ये मैसेज एक फॉल्स अलार्म हो, जो इन खतरों की गलत जानकारी दे रहा हो। हमारे पास इस बात की जानकारी नहीं है कि आखिर किस वजह से यह अलर्ट जारी किया गया। हम किसी भी विशेष राज्य-प्रायोजित की सूचना नहीं देते हैं। यह संभव है कि कुछ एप्पल खतरे की सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है।
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