धर्म

Ganpati Bappa Morya : कैसे जुड़ा गणेश के साथ ?

क्या आपको पता है,कि गणपति बप्पा मोरया (Ganpati Bappa Morya) के जयकारे में ‘मोरया’ शब्द के पीछे भी एक कहानी है जो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं . . . . . .

हर वर्ष गणेश उत्सव के दौरान लोग भगवान गणेश को अपने घरों में विराजित करने के लिए उत्साहित रहते हैं। पूरी गर्मजोशी के साथ भगवान गणेश जी के सभी भक्त उनका स्वागत करते हैं और इस मौके पर हर तरफ केवल ‘गणपति बप्पा मोरया’ (Ganpati Bappa Morya) के ही जयकारों की गूंज सुनाई देती है।

लेकिन क्या आपको पता है,कि गणपति बप्पा मोरया (Ganpati Bappa Morya) के जयकारे में ‘मोरया’ शब्द के पीछे भी एक कहानी है जो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं-

गणपति बप्पा मोरया (Ganpati Bappa Morya) का उदघोष सभी भक्तों को नई ऊर्जा से भर देता है, इस प्रचलित जयकारे में ‘मोरया’ शब्द का संबंध 14 वीं शताब्दी के संत मोरया गोसावी से है। हमारे देश में भगवान के साथ साथ भक्तों को भी पूजनीय स्थान दिया जाता है।

जानिए गोसावी मोरया की कहानी

चिंचवड़ में रहने वाले गोसावी मोरया भगवान गणेश के एकनिष्ठ एवं अनन्य भक्त थे और इसी स्थान पर उन्होंने कठोर गणेश साधना की थी। कहा जाता है कि यहां ही उन्होंने जीवित समाधि ले ली थी।

माना जाता है कि तभी से यहां का गणेश मंदिर पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया और गणेश जी के इतने बड़े भक्त होने के कारण लोगों ने गणपति जी के नाम के साथ मोरया जी के नाम को भी जोड़ दिया। इस प्रकार ‘गणपति बप्पा मोरया’
(Ganpati Bappa Morya) जयघोष की शुरूआत हो गई।

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मोरगांव से भी जुड़ा है मोरया

एक अन्य तथ्य यह कहता है कि ‘गणपति बप्पा मोरया’ में ‘मोरया’ शब्द मोरगांव के गणेश जी से जुड़ा हुआ है। मोरों की संख्या अधिक होने की वजह से उस जगह का नाम मोरगांव पड़ा। यह जगह प्राचीन काल से ही गाणपत्य संप्रदाय का एक प्रमुख केंद्र रही है। यहां पर मयूरेश्वर मंदिर में गणेश जी की सिद्ध प्रतिमा स्थापित है।

यह भी माना जाता है कि वामनभट शालिग्राम और उनकी पत्नी पार्वती बाई कर्नाटक से मोरगांव आ गए थे। यहां गणेश जी की आराधना और कठोर तपस्या के फलस्वरूप उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम उन्होंने मोरया रख दिया।

मोरया आगे चलकर एक महान गणेश भक्त हुए, जिन्होंने यहां के मंदिर में पूजा की परंपरा को भी आगे बढ़ाया। तो गणेश संप्रदाय का एक मुख्य केंद्र होने के कारण लोग गणपति बप्पा मोरया का जयघोष करते हैं।

इसी मंदिर के नाम को गणपति बप्पा जयकारे के साथ जोड़ दिया गया। तो यह थी गणपति बप्पा के साथ जुड़े मोरया की कहानी, तो एक बार आप भी बोलिए गणपति बप्पा मोरया (Ganpati Bappa Morya)

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