बीजेपी OBC मीटिंग: आधी रात तक अमित शाह की बैठक, 10 राज्यों के नेता, राहुल का OBC कार्ड कट तैयार
बिहार में जातीय जनगणना के बाद BJP पूरी तरह से सतर्क हो गई है। OBC वोटरों को लुभाने की विपक्षी पार्टियों की कोशिशों के बीच सत्ता पक्ष ने बड़ा प्लान बनाया है। पार्टी ने OBC पर अपनी पकड़ बनाए रखने की रणनीति बनाई है।
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बीजेपी OBC मीटिंग: चाहे 2014 का लोकसभा चुनाव हो या 2019 का लोकसभा चुनाव। इन दोनों चुनावों में OBC वोटरों ने BJP को दिल खोलकर वोट किया। 2014 की तुलना में 2019 में बीजेपी के प्रति ओबीसी मतदाताओं का समर्थन बढ़ा है। 2014 में उच्च ओबीसी वर्ग ने बीजेपी को लगभग 30% वोट दिए थे। 2019 में उनका समर्थन बढ़कर 40% हो गया। इसी तरह 2014 में निचले ओबीसी वर्ग के 40 फीसदी मतदाताओं ने बीजेपी को वोट दिया था। 2019 में ये आंकड़ा बढ़कर करीब 44 फीसदी हो गया। अब विपक्षी पार्टियां भी ओबीसी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं, ऐसे में बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन वोटरों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए बड़ी रणनीति बना रही है।
केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है
बिहार के बाद उसके सहयोगी दलों ने भी जातीय जनगणना की मांग की। केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। विपक्षी नेता जिस तरह से ओबीसी वोट बैंक को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, उसे देखते हुए बीजेपी अब सतर्क हो गई है। राहुल गांधी के ‘जितनी आबादी, उतना अधिकार’ वाले बयान के बाद अब भगवा पार्टी जमीनी स्तर पर ओबीसी समुदाय को लुभाने की अपनी योजनाओं का जिक्र करेगी। पिछले दो चुनावों से ओबीसी समुदाय काफी हद तक बीजेपी के साथ है, लेकिन बिहार में जातीय जनगणना के बाद बीजेपी सतर्क हो गई है। पार्टी किसी भी कीमत पर अपने सबसे भरोसेमंद वोटरों को खोना नहीं चाहती। पार्टी की ओर से ओबीसी वोटों के लिए रणनीति बनाने की कमान बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है।
इस बैठक में आरक्षण मुद्दे पर भी चर्चा हुई
गुरुवार को बीजेपी ने पार्टी मुख्यालय में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, बिहार समेत दस राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों और अन्य नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में आरक्षण मुद्दे पर भी चर्चा हुई। दरअसल, बीजेपी के लिए ओबीसी समर्थन बेहद अहम है। खासकर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए। इसलिए बीजेपी ऐसी कोई गलती नहीं होने देना चाहती जिससे उसे इन वोटों का नुकसान हो। बैठक में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फड़णवीस, बीएल संतोष, बिहार बीजेपी चीफ सम्राट चौधरी, यूपी बीजेपी चीफ भूपेन्द्र चौधरी, ओबीसी मोर्चा प्रमुख के लक्ष्मण शामिल हुए।
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पार्टी बड़ी रणनीति बना रही है
बैठक में केंद्रीय नेतृत्व ने ओबीसी समुदाय तक पहुंच और बढ़ाने पर जोर दिया। पार्टी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में ओबीसी समुदाय को अपने पाले में बनाए रखने पर ज्यादा जोर दिया हैपार्टी का मानना है कि इन राज्यों के नतीजे ही चुनाव पर असर डालेंगे। भाजपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ओबीसी मोर्चा को केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी समुदाय के लिए चलाई जा रही योजना पर नजर रखने को कहा गया है। इसके अलावा पार्टी ने कहा कि विपक्षी नेताओं के बयानों पर जोरदार पलटवार किया जाना चाहिए ताकि ओबीसी समुदाय पर बीजेपी की पकड़ किसी भी तरह से कमजोर न हो।
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बीजेपी ने एक कमेटी बनाई है
बीजेपी ने ओबीसी समुदाय पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखने के लिए एक कमेटी भी बनाई है। बैठक में इस बात पर खास जोर दिया गया कि बीजेपी नेता ओबीसी समुदाय के बीच जाकर बताएं कि बीजेपी सरकार ने पिछड़े वर्ग के हित में सबसे ज्यादा काम और फैसले लिए हैं, साथ ही चुनाव प्रचार को ओबीसी केंद्रित बनाने की भी बात कही गई है।
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