![Kanya Sakranti : कन्या सक्रांति से जुड़ी जानकारी और मुहूर्त](https://newsmerchants.com/wp-content/uploads/2022/09/कब-है-कन्या-सक्रांति-780x470.webp)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य हर माह किसी एक राशि में, निश्चित समय के लिए गोचर करता है, और सूर्य के गोचर की तिथि, कन्या संक्रांति Kanya Sakranti के नाम से जानी जाती है।
यह भी पढ़िए – https://newsmerchants.com/vtk-this-south-film-is-making-a-splash/: Kanya Sakranti : कन्या सक्रांति से जुड़ी जानकारी और मुहूर्त17 सितम्बर 2022, शनिवार को सूर्य सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। तिथि पर कन्या संक्रांति Kanya Sakranti मनाई जाएगी।
यह भी पढ़िए – https://newsmerchants.com/tarak-mehta-now-this-will-be-the-new-tarak-mehta/: Kanya Sakranti : कन्या सक्रांति से जुड़ी जानकारी और मुहूर्तKanya Sakranti कन्या सक्रांति का महत्व
कन्या सक्रांति Kanya Sakranti का महत्व धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है जो आपको भी जानना ज़रूरी है इसलिए news merchants आपके लिए लेकर आए हैं, इससे जुड़ी हुई महत्वपूर्ण जानकारी।
शास्त्रों में कन्या संक्रांति Kanya Sakranti को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कन्या राशि के स्वामी बुध ग्रह हैं, और इस राशि में सूर्य के प्रवेश के साथ ही यहां बुधादित्य योग बनता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में वैभव लाता है। संक्रांति पर स्नान-दान का भी खास महत्व होता है।
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शुद्ध जल में तिल और गंगाजल की कुछ बूँदें मिलाकर स्नान करने से व्यक्ति का मन और आत्मा पाप मुक्त होती है। kanya sakranti के दिन शुभ मुहूर्त में सूर्य देव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है, साथ ही आरोग्य और संपन्नता का आशीर्वाद भी मिलता है।
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इस वर्ष कन्या संक्रांति Kanya Sakranti की अवधि 17 सितम्बर सुबह 07 बजकर 36 मिनट से दोपहर 02 बजकर 09 मिनट तक होगी। कन्या संक्रांति को पुण्यकाल और महापुण्य काल नाम से दो भागो में विभाजित किया गया है।
कन्या संक्रान्ति महापुण्य काल
आरंभ: सुबह 07:36 बजे
समापन: सुबह 09:39 बजे
कन्या संक्रान्ति पुण्य काल-
आरंभ:सुबह 07:36 बजे
समापन:दोपहर 02:09 बजे
Kanya sakranti का कैसे मिलेगा लाभ?
चलिए जानें कन्या संक्रांति पर किस तरह सूर्यदेव की पूजा करने से आपको कैसे अधिकतम लाभ प्राप्त होगा?
कन्या संक्रांति Kanya Sakranti पर सूर्योदय से पहले उठने का नियम है, इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पास के किसी जलाशय या नदी में स्नान करें। अगर ऐसा संभव न हों तो आप घर पर ही पानी में तिल और गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करते हुए मन ही मन भगवान सूर्य का स्मरण करें, स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें।
अब सूर्यदेव को नमन करके व्रत का संकल्प लें और तांबे के लोटे में तिल, जल और फूल मिलाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ॐ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार तिल-गुड़ के लड्डू, अन्न और वस्त्र का दान करके अपने Kanya Sakranti के व्रत को पूरा करें।
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