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इंदौर में इस साल ज़्यादा युवा मतदाता।
इंदौर में महिला मतदाताओं की संख्या 13,65,871 है।
इंदौर में सभी महिला प्रत्याशियों के सामने पुरुष प्रत्याशी ही मैदान में है
MP Election 2023: इंदौर में इस बार प्रत्याशियों की जीत की चाबी नए नवेले मतदाता बने युवाओं के हाथ में रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 7 सीटें ऐसी हैं जहां वर्ष 2018 में जितने मतों से हारजीत हुई थी, उससे ज्यादा नए मतदाता (18 से 19 वर्ष के) इस वर्ष जुड़े गए हैं। यही वजह है कि दोनों ही राजनीतिक पार्टियां हाल ही में मतदाता बने इन युवाओं को साधने में लगी हैं। दूसरी और इंदौर जिले की 9 विधानसभा क्षेत्र में तीन विधानसभा में महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। सभी राजनितीक दल महिला मतदाताओं पर अपना ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। चुनावी वादों में भी महिलाओं के लिए योजनाएं लागू करने की बात कह रहे हैं, क्योंकि महिलाओं मतदाता ही प्रत्याशियों की जीत की राह तय करेगी। इंदौर जिले की 9 विधानसभा में कुल 49.44 प्रतिशत महिला मतदाता है
दोनों ही दलों ने इन मतदाताओं के दिलोदिमाग तक अपनी विचारधारा पहुंचाने के लिए विशेष विंग भी तैनात कर दी है। इन विंग में शामिल सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इन नए मतदाताओं को न सिर्फ पार्टी से जोड़ें बल्कि उनके सतत संपर्क में भी रहें। समय-समय पर उन्हें पार्टी के आयोजनों में शामिल करें, पार्टी की विचारधारा, लक्ष्यों आदि के बारे में उन्हें बताते रहें। इसी तरह इंदौर में महिला मतदाताओं की संख्या 13,65,871 आंकी गई है।
अब राजनीतिक आयोजन के मंचों पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी नजर आने लगी हैं।
प्रतिबद्ध मतदाताओं के मुकाबले इन्हें साधना आसान
राजनीतिक पार्टियों के लिए दूसरी पार्टी के प्रतिबद्ध मतदाताओं को अपने पक्ष करना बहुत मुश्किल होता है जबकि नए मतदाताओं को पार्टी की विचारधारा में शामिल करना आसान। इसकी वजह है कि नए मतदाताओं के मानस पर किसी विचारधारा की छाप नहीं होती। यानी ये मतदाता बिलकुल प्लेन स्लेट की तरह होते हैं।
18 से 19 आयुवर्ग में जिस पार्टी की विचारधारा में ये शामिल हो गए उन्हें वहां से किसी दूसरी विचारधारा में लाना बहुत मुश्किल होता है। यही वजह है कि राजनीतिक पार्टी इन नए युवाओं को अपने पक्ष में शामिल करने के लिए ज्यादा प्रयास करती हैं।
महिला सोच समझकर करती हैं मतदान
इंदौर जिले में कुल 27,62,507 मतदाता है, जिनमें से महिला मतदाता 13,65,871 और पुरुष मतदाता 13,96,525 है। महिलाएं अब पहले की तरह नहीं रही है कि अपने पति या परिवार के कहने पर किसी को मत कर दें। क्योंकि अब महिलाएं खुद राजनीतिक समझ रखने लगी हैं। वह राजनितीक दल की जानकारी के साथ ही प्रत्याशियों को भी सोच समझकर ही मतदान करती हैं।
नए मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं
यह सही है कि युवा मतदाता बड़े स्तर पर परिणाम प्रभावित करते हैं। हमने युवा मतदाताओं तक पार्टी की विचारधारा पहुंचाने के प्रयास किए हैं। हमारी कोशिश है कि मतदान से पहले ज्यादा से ज्यादा नए मतदाताओं तक पहुंचा जाए। इसके लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। महाविद्यालयों में इसके लिए विशेष अभियान भी संचालित किए गए। हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा युवा मतदाताओं तक पार्टी की विचारधारा पहुंचाने की है। हम आपको बता दें कि इंदौर जिले की नौ विधानसभा क्षेत्र में तीन विधानसभा में महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक चार से मालिनी गौड़ (भाजपा), विधानसभा क्षेत्र सांवेर से रीना बौरासी सेतिया (कांग्रेस) और विधानसभा महू से उषा ठाकुर(भाजपा) को प्रत्याशी बनाया गया है। इन सभी महिला प्रत्याशियों के सामने पुरुष प्रत्याशी ही मैदान में है।
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प्रत्याशियों के परिवार की महिलाएं भी कर रहीं प्रचार
यही कारण भी है कि अब राजनीतिक आयोजन के मंचों पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी नजर आने लगी हैं। सबसे अधिक महिला मतदाता विधानसभा क्षेत्र क्रमांक पांच में हैं। यहां 2,04,853 महिला मतदाता हैं। विधानसभा चुनाव के प्रचार में प्रत्याशियों के साथ ही उनकी पत्नी और परिवार की महिलाएं भी प्रचार करती हुई नजर आ रही हैं।
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