उज्जैनधर्म

Ujjain : श्रावण महोत्सव 2023 – कैसे रोकोगे इंदौरी नेताओं को?

सत्तर दिनों के लिए गर्भगृह में प्रवेश पूर्णतः बंद

क्या मन्दिर समिति रोक पाएगी इन्दोरी नेताओं को?

मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में हुआ निर्णय

1500 रुपए की रसीद भी नहीं मिलेगी

चलित दर्शन होंगे भोले के भक्तों को

उज्जैन वासियों के लिए अलग प्रवेश द्वार

उज्जैन।। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की बैठक श्री महाकाल महालोक कंट्रोल रूम मे कलेक्टर एवं अध्यक्ष कुमार पुरूषोत्तम की अध्यक्षता में आयोजित की गई जिसमे श्री महाकालेश्वर भगवान की दर्शन हेतू श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था के सम्बंध में कई निर्णय लिए गए।

70 दिन गर्भगृह में प्रवेश बंद

जहां 04 जुलाई से 11 सितम्बर तक यानि सत्तर दिनों तक श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह से दर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान 1500/- के जलाभिषेक की रसीद भी बंद रहेगी, साथ ही श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन हेतु प्रशासन द्वारा चाक चौबन्द व्यवस्थाएं की जा रही है। जिससे सभी श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके।

सावन कांवड़ यात्रा 2023: जानिए क्या है कावड़ यात्रा, कांवड़ यात्रा कब से शुरू होगी? कावड़ यात्रा का महत्व

फिर शुरू होगी चलित भस्मारती

श्री महाकालेश्वर मंदिर मे श्रावण-भादों मास के दौरान प्रातःकालीन होने वाली भस्मार्ती मे चलित भस्मार्ती दर्शन व्यवस्था रहेगी, जिसमे श्रद्धालु बिना पंजीयन के चलित रूप से (बिना रूके) भस्मार्ती के दर्शन कर सकेंगे।

ujjain Mahakal Sawari 2023: सावन माह अधिक होने के कारण बाबा महाकाल की सावन भादो में 10 सवारी

CREATIVE FILMS INDORE PHOTOGRAPHY

कावड़ियों के लिए अलग नियम कायदे

बैठक मे निर्णय लिया गया कि, श्रावण-भादौ माह मे पहले से अनुमति प्राप्त कावड यात्री शनिवार, रविवार एवं सोमवार को छोडकर मंगलवार से शुक्रवार तक द्वार क्रमांक 01 अथवा 04 से मंदिर मे दर्शन हेतु प्रवेश कर सकेंगे।

ujjain Mahakal Sawari 2023: सावन माह अधिक होने के कारण बाबा महाकाल की सावन भादो में 10 सवारी

उज्जैन वासियों का अलग प्रवेश द्वार

श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या होने से समयाभाव के कारण उज्जैन शहर मे निवासरत श्रद्धालुओं की बाबा महाकाल के प्रति धार्मिक आस्था को देखते हुए पृथक से दर्शन व्यवस्था बनाई जा रही है। 11 जुलाई को उज्जैन के प्रथम नागरिक महापौर मुकेश टटवाल द्वारा स्थानीय निवासियों के लिए दर्शन व्यबस्था का शुभारंभ करवाया जाएगा।

उज्जैन: अधिक मास में नौ नारायण, सप्तसागर दर्शन… 

नई भजन मंडलियों पर रोक

वहीं प्रत्येक सोमवार को निकलने वाली सवारी मे पारंपरिक रूप से सम्मिलित होने वाली भजन मंडलियां ही सम्मिलित हो सकेंगी। इसके अतिरिक्त नवीन भजन मंडली को सवारी मे सम्मिलित होने की अनुमति नहीं मिलेगी।

लड्डू प्रसादी के भाव भी बढ़ाए

प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्रद्धालुओं को लागत मूल्य पर लड्डू प्रसाद उपलब्ध कराया जाता है। मंदिर को वित्तीय हानि न हो इस हेतु लड्डु प्रसाद लागत मूल्य की गणना की गई वर्त मान मे ं लड्डू प्रसाद की लागत रू. 400.84/- प्रतिकिलो आ रही है, इस प्रकार मंदिर को रू. 40.84/- वित्तीय हानि हो रही है। लड्डू प्रसाद की दर में 100 ग्राम का पैकेट रू. 40/- के स्थान पर रू. 50/-, 200 ग्राम का पैकेट रू. 80/- के स्थान पर रू. 100/-, 500 ग्राम का पैकेट रू. 180/- के स्थान पर रू. 200/- तथा 01 किलो का पैकेट रू. 360/- के स्थान पर रू. 400/- किये जाने का निर्णय लिया गया।

श्रावण महोत्सव में 30 कलाकारों का चयन

वहीं प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 के कलाकारो के नामों पर भी चर्चा हुई, का अनुमोदन किया गया, इस वर्ष श्रावण महोत्सव प्रत्येक शनिवार को आयोजित किया जावेगा। जिसमें कुल 30 कलाकारों को मौका दिया जाएगा बैठक में उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुविधा घर बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई जिस पर सवा चार करोड़ की लागत आने की संभावना है

क्राउड मैनेजमेंट में फेल है मंदिर प्रशासन

सिंहस्थ महापर्व 2016 के बाद से ही महाकाल की ख्याति पूरे विश्व में विख्यात हो चुकी है वही महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद जिस प्रकार से महाकाल की ख्याति में बढ़ोतरी हुई है उसके मुकाबले श्रद्धालुओं के संख्या कई गुना बढ़ गई है जिसके बाद हनुमान है कि बड़ी संख्या में भक्त श्रावण मास में उज्जैन पहुंचेंगे लेकिन हर बार महाकाल मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन क्राउड मैनेजमेंट में फेल हो जाता है महाकाल मंदिर से निकलने वाली सवारियों में भी क्राउड मैनेजमेंट कई वर्षों से फेल है ऐसे में मंदिर में जारी निर्माण कार्य और मुख्य सवारी मार्ग पर हो रही तोड़फोड़ के बीच जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति किस तरीके से क्राउड मैनेजमेंट करेगी यह देखने वाली बात होगी

कैसे रोकेंगे इंदौरी नेताओं को ?

श्रावन महोत्सव शुरू होने के बाद जहां उज्जैन का व्यापारी वर्ग, श्रद्धालु और मंदिर समिति होने वाले आय से खुश नजर आते है वहीं दूसरी ओर मंदिर प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती इंदौर से आने वाले नेताओं की होती है वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत आने वाले इन सभी नेताओं द्वारा कई बार मंदिर समिति के निर्णयों को चुनौती दी गई और बिना अनुमति गर्भ ग्रह में प्रवेश कर पूजा-अर्चना भी की गई है जिसके कई वीडियो और फोटो मार्केट में पहले से ही प्रचलित है अब ऐसे में एक बार फिर 70 दिनों का सावन महोत्सव महाकाल मंदिर में मनाया जाएगा क्या मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन इन नेताओं को रोकने में कामयाब होगा यह देखने वाली बात होगी।

जुड़िये News Merchants Team से – देश, दुनिया,प्रदेश,खुलासा, बॉलीवुड,लाइफ स्टाइल,अलग हटके,धर्म,शेयर बाज़ार,सरकारी योजनाओं आदि कृषि सम्बंधित जानकारियों के अपडेट सबसे पहले पाने के लिए हमारे WhatsApp के ग्रुप ज्वाइन करें हमारे को Facebook पेज को like करें-शेयर करें।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker