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Online Transaction: UPI को लेकर बड़ी खबर आ रही है। 1 जनवरी, 2024 से कुछ लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई को बड़ा निर्देश जारी किया है। PhonePe और Google Pay जैसी थर्ड पार्टी ऐप्स और बैंकों से NPCI ने कहा है कि ऐसी सभी यूपीआई आईडी बंद कर दें, जिनसे एक साल से किसी तरह का लेनदेन नहीं हुआ है। ऐसा करने से पहले यूजर्स को ईमेल या मैसेज के जरिए इसकी जानकारी देने को भी कहा गया है। एनपीसीआई ने 31 दिसंबर, 2023 तक का समय दिया है।
UPI से करे तुरंत पेमेंट
नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा की जिन्होंने अपने फ़ोन पर UPI ID बनाई हुई है लेकिन उसके माध्यम से अब तक कोई लेन देन नहीं किया है तो वो अब इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके लिए आपको तुरंत से अपनी UPI ID से पेमेंट करनी होगी तभी ये आपके ऊपर लागु नहीं होगा।
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UPI को लेकर ऐसा फैसला क्यों
NPCI का यह फैसला यूपीआई ट्रांजैक्शन को ओर भी ज्यादा सेफ बनाना है। इस कदम से कई गलत ट्रांजैक्शन पर भी रोक लग सकती है। इस निर्देश के आने के बाद अब सभी ऐप्स और बैंक एक साल से बिना लेनदेन वाले यूपीआई आईडी और उससे जुड़े मोबाइल नंबर को वैरिफाई कर उनकी आईडी बंद करेंगे।
नए साल से कौन नहीं कर पाएगा यूपीआई ट्रांजैक्शन।
अगर आपके यूपीआई आईडी से भी एक साल से किसी तरह का पेमेंट नहीं हुआ है तो नए साल से उनका आईडी बंद हो जाएगा। दरअसल, एनपीसीआई को गलत ट्रांजैक्शन की कई तरह की शिकायतें मिल चुकी हैं। इसे देखते हुए इस तरह का कदम उठाया जा रहा है। कई बार ऐसा भी होता है जब लोग मोबाइल नंबर तो बदल लेते हैं लेकिन जुड़ी यूपीआईडी बंद नहीं करते हैं। बाद में वह नंबर किसी दूसरे को मिल जाता है और यूपीआई आईडी वहां एक्टिवेटेड ही रहती है। ऐसे में उस नंबर पर अगर किसी ने पैसे भेजे तो उस इंसान को मिल जाते हैं, जिनके पास वह नंबर है। कई बार इसका गलत इस्तेमाल हो जाता है। इसलिए सरकार इस गलत लेन देन से बचने के लिए ही इसको बंद करने का दिशा निर्देश जारी किया है।
11 अरब UPI लेनदेन हुए
एनपीसीआई द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में बताया गया कि यूपीआई से 11 अरब ज्यादा लेनदेन हुए हैं। पिछले दो महीनों में इसमें एक अरब से करीब लेनदेन बढ़े हैं। साथ ही एनपीसीआई ने कहा कि यह हमारे समक्ष आया है ग्राहकों की ओर से अपना मोबाइल नंबर बदल दिया जाता है। वहीं, पुराने नंबर को सिस्टम से नहीं हटाया जाता है। ऐसे में ट्राई की गाइडलाइन के मुताबिक, पुराने नंबर को किसी नए यूजर को जारी कर दिया जा सकता है। इस वजह सभी बैंक और थर्ड ऐप्स को आदेश दिया गया है कि ऐसे सभी इनएक्टिव यूपीआई आईडी और नंबर्स को हटा दें, जिनसे किसी भी प्रकार का कोई लेनदेन नहीं किया जा रहा है।
बता दें, इनएक्टिव यूपीआई आईडी की मदद से पैसे रिसीव किया जा सकता है। ऐसे में अगर इन यूपीआई ऐप नंबर्स और आईडी को नेटवर्क से हटा दिया जाता है तो किसी प्रकार का कोई लेनदेन हीं हो पाएगा।
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