जीवन शैली

जानिए क्यों होती हैं एसिडिटी और एसिडिटी से बचने के उपाय

क्या आप भी एसीडिटी से परेशान हैं, जानिए एसिडिटी से बचने के घरेलु उपाय

जब कब्ज का उपचार न किया जाए तो स्थिति एसीडिटी तक पहुंच जाती है। इसमें आमाशय में अम्ल अधिक बनने लगता है। वस्तुतः यह रोग नहीं है बल्कि, कुछ रोगों के प्रारंभिक लक्षण के रूप में प्रकट होता है। यह पाया गया है कि पुरुषों को एसीडिटी की समस्या स्त्रियों से अधिक होती है, क्योंकि वे अनियमित आहार, धूम्रपान, शराब सेवन आदि व्यसन के शिकार होते हैं।

क्यों होती हैं एसिडिटी

आजकल व्यस्त जीवन में कामकाज में डूब कर व्यक्ति भूख लगने पर भी खाना नहीं खाते, इससे भी एसीडिटी बढ़ती है, अतः समय पर खाना बहुत जरूरी है। अनियमित आहार, धूम्रपान, शराब सेवन, ज्यादा मिर्च-मसाला/तला-गला खाना आदि व्यसन भी एसिडिटी को दावत देती हैं। एसीडिटी उन लोगों को भी अधिक अपनी चपेट में लेती है, जो पित्ताशय की पथरी, आमाशय में घाव आदि से त्रस्त होते हैं, परंतु हमारे देश में इस बीमारी की चपेट में शहरी व आरामतलब लोग ही ज्यादा आते हैं। मानसिक चिंता भी एसिडिटी उत्पन्न करती है, चिंता, तनाव, शोक आदि से भी एसिड के नाव को बढ़ावा मिलता है और एसीडिटी पैदा होती है।

एसिडिटी से होने वाली परेशानिया

एसीडिटी से परेशान लोग बार-बार डकार आने या पेट फूले होने की, उल्टी या मितली आने की शिकायत करते रहते हैं। कई बार तो डकार आने पर मुंह में खट्टा पानी आ जाता है और मुंह का स्वाद बिगड़ा रहता है। एसीडिटी के कारण रात को इतनी परेशानी होती है कि रोगी व्यक्ति बेचैनी महसूस करता है और उठ कर बैठ जाता है। पेट भारी रहता है. कब्ज़ या अतिसार की स्थिति पैदा हो जाती है. पेट में जलन होती है और गैस बनती रहती है. यदि गलत खानपान का लगातार सेवन बिना उपचार किए करें, तो एक स्थिति ऐसी आती है कि आंतों में घाव हो जाता है।

एसिडिटी के घरेलु उपाय

एसीडिटी का इलाज एसीडिटी के इलाज का सबसे बढ़िया उपाय है, गलत खानपान पर रोक और खट्ट्टे, तीखे, मसालेदार एवं तैलीय खाने से परहेड प्रोटीन युक्त आहार का सेवन लाभकारी होता है, पर इसके सेवन में भी सावधानी बरतनी चाहिए, रोगी को रेचन (पेट की सफाई) के लिए जैतून या (रेडी) का तेल (कैस्टर ऑयल) प्रातः 5-6 बजे के करीब 1 चम्मच पिलाने पर उसका पेट साफ़ हो जाता है। कब्ज व गैस से फूले हुए पेट को राहत मिलती है।

एसिडिटी से कैसे बचे

नियमित पेट साफ रखना एसीडिटी से छुटकारा पाने का उत्तम उपाय है। कमरे के तापमान गर्म दूध भी तात्कालिक लाभ दिलाता है। नींबू, आंवला और मट्ठा के अलावा सभी खट्टी चीजें एसीडिटी को बढ़ावा देती है। भोजन के पूर्व पानी पीने से भी एसीडिटी बढ़ती है, अत: भूख लगने पर, उचित समय पर खाना खा लें। जो लोग एसीडिटी से बहुत परेशान हैं, उन्हें चाहिए कि वे दिन में 4 बार हल्का भोजन करें।  चीज़, बटर, ब्रेड, मिठाइयां आदि भारी चीजें एसीडिटी वाले नहीं पचा पाते, अतः इनसे दूर रहें। रात में जागरण करना, सोचना या ज्यादा तनाव रखना एसीडिटी के रोगी के लिए तकलीफदेह है.

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