धर्म

Deepawali 2023 : इस साल दीपावली कब है ? जानिए दीपावली 2023 के लिए शुभ मुहूर्त, कैलेंडर, पूजा विधि ।

दीपावली पर घर पर कैसे करें गणेश-लक्ष्मी की पूजा?

Deepawali 2023: भारत में हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली इस वर्ष 12 नवंबर 2023 को मनाया जाना है । दीपावली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला त्योहार है। दीपावली एक हिंदू त्योहार है जिसे संपूर्ण भारत में कार्तिक मास की अमावस्या को बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सनातन धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है जो श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। हिंदुओ के साथ जैन, सिख और बौद्ध भी इस त्योहार को मनाते है। दीपावली न केवल इसकी व्यापक लोकप्रियता और आतिशबाजी के शानदार प्रदर्शन के कारण महत्वपूर्ण है, बल्कि इसलिए भी कि यह अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। इस दिन, ज्ञान और विजय के मार्ग को ‘प्रकाश’ करने के लिए, घर के चारों ओर दीया, मोमबत्तियां और दीपक रखे जाते हैं। प्रत्येक घर को विभिन्न प्रकार की रंगीन रोशनी और दीयों से सजाया जाता है।

इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा अर्चना प्रदोषकाल में की जाती है हिन्दुओ की मान्यता है कि इस दिन रात्रि में देवी माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती है। कहा जाता है कि दीपावली के दिन रात्रि में देवी माँ लक्ष्मी की पूजा एक शुभ मुहूर्त में करने से घर में लक्ष्मी के साथ सूख शांति आती है।

दीपावली 2023 के लिए शुभ मुहूर्त, कैलेंडर, पूजा विधि-

दीपावली कैलेंडर 2023

धनतेरस10 नवंबर
नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली)12 नवंबर
दीपावली12 नवंबर
गोवर्धन पूजा 14 नवंबर
भाई दूज 15 नवंबर
  • कार्तिक अमावस्या की तिथि शुरू – 12 नवंबर 2023, दोपहर 02 बजकर 44 मिनट।
  • कार्तिक अमावस्या की तिथि समाप्त – 13 नवंबर 2023, दोपहर 02 बजकर 56 मिनट।

दीपावली 2023 शुभ मुहूर्त की लक्ष्मी पूजा 

  • लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल की – (12 नवंबर 2023) शाम 05.39 – रात 07.35 .
  • लक्ष्मी पूजा वृषभ काल की – (12 नवंबर 2023) शाम 05:39 – रात 07:35
  • लक्ष्मी पूजा निशिता काल की – (12 नवंबर 2023), रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 13 नवंबर 2023 प्रात: 12 बजकर 32 मिनट तक
  • लक्ष्मी पूजा सिंह लग्न की – (12 नवंबर 2023) प्रात: 12 बजकर 10 मिनट से प्रात: 02 बजकर 27 मिनट तक (13 नवंबर 2023)

दीपावली पर घर पर कैसे करें गणेश-लक्ष्मी की पूजा?

दीपावली के दिन, देवी लक्ष्मी के कई भक्त लक्ष्मी पूजा के लिए एक दिन का उपवास रखते हैं और शाम को इसे तोड़ते हैं। लक्ष्मी पूजा के दौरान, भक्त अपने घरों और कार्यालयों को गेंदे के फूलों और अशोक, आम और केले के पत्तों से सजाते हैं। घर में मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं। उस पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें, उन्हें रेशमी वस्त्र और आभूषणों से सजाएं।

सबसे पहले भगवान गणेश की मूर्ति रखें और फिर उनके दाहिनी ओर लक्ष्मी जी को स्थापित करें। आसन पर बैठ जाएं और अपने चारों ओर गंगाजल छिड़कें। इसके बाद संकल्प लें और पूजा शुरू करें. एकमुखी घी का दीपक जलाएं। फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं। इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें.

घर में दीपक जलाने से पहले एक थाली में पांच दीपक रखें और उन पर फूल आदि चढ़ाकर उनकी पूजा करें। इन्हें घर के अलग-अलग हिस्सों में रखना शुरू करें। घर के पास मंदिर में भी दीपक जलाएं।

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आखिर क्यों मनाई जाती है? दीपावली

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार हिन्दुओ का मानना है कि दीपावली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंका में विजयी प्राप्त कर 14 वर्षों के वनवास के बाद माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटकर आए थे भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दीपावली मनाई गई थी। हर नगर हर गांव में दीपक जलाए गए थे, तभी से इसके जश्न में हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाने लगी।

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