![MP Election 2023: मालवा-निमाड़ - कौन किस पर भारी ?](https://newsmerchants.com/wp-content/uploads/2023/11/मालवा-निमाड़-कौन-किस-पर-भारी--780x470.jpg)
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MP Election 2023:-मध्य प्रदेश में जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे ही सियासी हलचल तेज हो गई है। सबसे ज्यादा नजरें टिकी हैं मालवा-निमाड़ इलाके में, किसानों और आदिवासियों से भरे मालवा-निमाड़ में क्यों कांग्रेस और भाजपा को अपना राजनीतिक भविष्य के लिए मेहनत कर रही है. आखिर किसानों, आदिवासियों और व्यापारियों से भरे इस क्षेत्र में सियासी समीकरण क्या हैं. आइए जानते हे ताजा सर्वे में किस के उड़ाए होश!
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं। वहीं, टिकट के कई दावेदारों को भी निराशा हाथ लगी है। पार्टी के कई सीनियर नेता विधानसभा का टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं और निर्दलीय नामांकन किए हैं। नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 2 नवंबर को थी।
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आपको बता दें मालवा-निमाड़ की 66 सीटों में से कांग्रेस ने 35 सीटों पर दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी केवल 28 प्रत्याशी ही जीतकर विधानसभा पहुंचे सके थे. यही वो परिणाम था जिसने कांग्रेस के 15 साल का वनवास खत्म कर पार्टी को सत्ता की चाभी सौंपी थी. कांग्रेस के लिए यह परिणाम इसलिए भी उत्साहजनक थे, क्योंकि 2013 के विधानसभा चुनाव में स्थितियां बिल्कुल उलट थीं. भाजपा ने इस इलाके में एक तरफा जीत हासिल करते हुए 57 सीटों पर अपना झंडा बुलंद किया था. वहीं कांग्रेस को सिर्फ 9 सीटें ही हासिल हो सकी थीं.हालांकि 2020 में सत्ता परिवर्तन के बाद मालवा-निमाड़ में सीटों के लिहाज से भाजपा के लिए फायदे वाला रहा. 66 सीटों में से अब भाजपा के पास 33 और कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं. 3 निर्दलीय विधायक हैं. प्रदेश की 84 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों की भूमिका निर्णायक है. 2018 की बात करे तो -मालवा-निमाड़ BJP का प्रमुख गढ़ रहा है, लेकिन 2018 के चुनाव में यहां की 66 में से 35 सीटों पर कांग्रेस ने बाजी मारी थी. जबकि बीजेपी के खाते में 28 सीटें ही आ सकीं.2018 में यहां से तीन सीटें निर्दलीय उमीदवारों के खाते में गई थीं. यहां आदिवासी मतदाताओं (Tribal Voters) की संख्या भी ठीक-ठाक है. 2018 के चुनाव में इस क्षेत्र की 22 ST सीटों पर कांग्रेस ने 14 जबकि बीजेपी ने 7 सीटों पर परचम लहराया था.
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विधानसभा 2018 -मालवा निमाड़ कुछ रोचक जानकारी
सर्वाधिक मतदान बदनावर में 86.11 प्रतिशत, सबसे कम जोबट में 52.71 प्रतिशत
सबसे कम मतों से जीत- हरदीप सिंह डंग, कांग्रेस, सुवासरा में 350 मतों से जीते थे
सर्वाधिक मतों में जीत- सुरेन्द्रसिंह बघेल, कांग्रेस, कुक्षी में 62930 मतों से जीते थे
मालवा-निमाड़ में नोटा में डाले गए मत 184170 थे, कुल मतदान का 1.60 प्रतिशत था।
क्या कहते हैं ताजा सर्व?
मालवा निमाड़ में बीजेपी को बड़ा नुकसान होता दिखाई दे रहा है. यहां बीजेपी को18-22 सीटें तो वहीं कांग्रेस को 43-47 सीटें मिलती नजर आ रही हैं.
BJP के पक्ष में ज्यादातर मालवा का मिजाज देखने को मिला –
मालवा-निमाड़ का पॉलिटिकल मिजाज बीजेपी के फेवर में रहा है. हालांकि पिछले चुनाव में जरूर भाजपा को वो सफलता नहीं मिली थी, इसलिए बीजेपी चाहती है कि परंपरागत रूप से जो एकाधिकार रहा है, वो कायम रहे और कांग्रेस ने जो सफलता पिछली बार हासिल कर ली थी. वो चाहती कि कांग्रेस की इस चुनाव में भी मालवा-निमाड़ उसके साथ रहे और उसी से सरकार बनाने का बहुमत उसे मिले.
दिग्गजों की नजर मालवा पर पहले से ही
बीजेपी और कांग्रेस के लिए 230 सीटों वाली विधानसभा में से 66 सीटों वाला मालवा-निमाड़ बेहद जरूरी है. पिछले चुनाव में दोनो ही दलों के बीच महज चंद सीटों का ही अंतर था. ऐसे में उस अंतर को पाटने के लिए अमित शाह ने जहां इंदौर से कार्यकर्ताओं में जोश भरा तो राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा एमपी के इसी हिस्से से निकाली थी. दरअसल दोनों ही दलों की नजर मालवा निमाड़ की 66 सीटों के साथ-साथ यहां की आदिवासी बाहुल्य 22 सीटों पर भी है. क्योंकि ये आदिवासी सीटें जिस भी राजनीतिक दल के पाले में आती है तो वहीं प्रदेश की राजनीतिक के शिखर पर बैठता है.
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