उज्जैन

उज्जैन NEWS: फ्रीगंज के समानांतर ब्रिज बनने का रास्ता साफ, कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव ने 8 साल के प्रयास के बाद कराई स्वीकृति

92 करोड़ की लागत से बनेगा 368 मीटर होगी कुल लंबाई, चामुंडा माता चौराहे से लेकर महापौर बंगले तक होगा निर्माण

उज्जैन लंबी बाधाओं के बावजूद आखिरकार कैबिनेट मंत्री डॉ यादव के 8 वर्ष से अधिक लंबे प्रयास के बाद दक्षिण विधानसभा क्षेत्र को एक बड़ी सौगात समानांतर ब्रिज के रूप में मिली है इस ब्रिज की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग ने जारी कर दी है और अब जल्द ही इसके टेंडर लगेंगे और ब्रिज बनने का काम शुरू हो जाएगा ।

ब्रिज बनने में शासन का 92 करोड़ रुपए से अधिक खर्च 

विधानसभा चुनाव 2013 के चुनाव में जीतने के बाद से ही विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव फ्रीगंज ब्रिज के समानांतर ब्रिज बनवाने के लिए प्रयासरत थे । इस ब्रिज को बनाने में तमाम बाधाएं सामने आई लेकिन उन सब बाधाओं को पार करते हुए आखिरकार कैबिनेट मंत्री डॉ यादव ने विधानसभा की प्रशासकीय स्वीकृति देने वाली समिति से इस ब्रिज के प्रस्ताव को पास करवा कर प्रशासकीय स्वीकृति कल जारी करा दी है । स्वीकृति का पत्र लोक निर्माण विभाग सेतु निगम उज्जैन को भी मिल चुका है।  फ्रीगंज के समानांतर ब्रिज बनने का रास्ता साफ हो गया है यह ब्रिज बनने में शासन का 92 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होगा। 

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जल्द ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू

अब जल्द ही इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी, लोक निर्माण विभाग सेतु निगम ने इस ब्रिज को बनाने के लिए 92 करोड़ 76 लाख रुपए का एस्टीमेट भेजा है। इस ब्रिज की कुल लंबाई 368.5 मीटर होगी यह ब्रिज चामुंडा माता चौराहे से प्रारंभ होकर महापौर बंगले के सामने तक बनेगा इसमें दोनों और पहुंच मार्ग की 100 मीटर की सड़क भी बनाई जाएगी । इस ब्रिज की श्रेणी में महापौर बंगले के सामने कि कुछ बिल्डिंग भी आ रही है फ्रीगंज का समानांतर ब्रिज बनने से शहर को एक नया 15वां नया ब्रिज मिलेगा। वही इस ब्रिज के बनने से पुराने ओवर ब्रिज को यातायात का लोड भी कम होगा । जल्द ही इस ब्रिज के टेंडर लगने का काम शुरू होगा और संभावना विधानसभा चुनाव के पहले ब्रिज का भूमि पूजन भी हो जाएगा । 

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ब्रिज सीधा फोरलेन होकर नए शहर से पुराने शहर को जोड़ेगा

कल रात्रि में सेतु निगम को भी इस ब्रिज की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। अब जल्द ही इस ब्रिज के निर्माण के रास्ते खुल जाएंगे।  यह ब्रिज पुराने शहर और नए शहर के बीच रीड की हड्डी साबित होगा और दूसरा यह फोरलेन ब्रिज की कमी भी पूरी कर देगा,क्योंकि यह ब्रिज चौड़ा होगा वर्तमान में शहर में जितने भी ब्रिज बने हैं वह टू लेन है यह ब्रिज सीधा फोरलेन होकर नए शहर से पुराने शहर को जोड़ेगा अब पुराने शहर वासियों को भी सीधे फोरलेन ब्रिज मिलेगा वही उज्जैन में महाकाल लोक आने के बाद प्रतिदिन लाखों लोग आते हैं और शहर में जगह-जगह जाम की स्थिति बनती है । इस बड़े फोरलेन ब्रिज के बनने से शहर में यातायात का दबाव भी कम होगा।

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कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया- बड़े प्रयास करने के बाद स्वीकृति

कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया इस समानांतर ब्रिज की स्वीकृति कराने में मुझे सबसे अधिक समय लगा बड़े प्रयास करने के बाद स्वीकृति मिल पाई है और लंबा समय भी लगा । यदि अन्य बाधाएं नहीं आती तो यह ब्रिज सिंहस्थ 2016 के पहले ही बनकर तैयार हो जाता लेकिन अब स्वीकृति हो चुकी है और ब्रिज बनाने का रास्ता साफ है अब नए शहर से पुराने शहर को जोड़ने वाला शहर का पहला फोरलेन ब्रिज बनेगा । वर्तमान का फ्रीगंज का जो ब्रिज है वह 1954 के आसपास बना था और काफी पुराना हो चुका था इसको देखते हुए कई दिनों से नया समानांतर ब्रिज बनाने की प्रक्रिया चल रही थी लेकिन 8 साल के लंबे प्रयास के बाद ब्रिज बनने का काम अब शुरू हो पाएगा ।


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